बहुत दिनों से मैं कुछ लिखना चाह रहा था,लेकिन कुछ लिख नहीं पा रहा था,क्योंकि कुछ लिखने के लिए अंदर कुछ उथल-पुथल होना जरूरी है,ऊपर तक भरा हुआ होना जरूरी है!
ऐसा नहीं है कि मेरी जिंदगी में सब सुकून है या फिर सब परेशानियां हि हैं! मेरी जिंदगी में भी हार,दुख,सुकून,निराशा, उम्मीद और डर सब है जो हर किसी की जिंदगी में किसी न किसी मोड़ पर होते हैं, लेकिन मैं इन सबका आदि हो गया हूँ,कभी कभी मुझे बहुत ही घुटन होती है, कभी-कभी खुद को उस मैन एक्सिस पर महसूस करता हूँ जहाँ न दुख है ना सुकून,बिल्कुल शून्य जैसे कुछ महसूस होना बंद हो गया है।
मैं बीच में नहीं रहना चाहता बस मैं अपनी जगह बदलना चाहता हूं।
एक अजीब खालीपन रहता है जो कभी भरता नहीं,और मैं उस खालीपन को लिख नहीं पा रहा हूँ और ना हि समझ पा रहा हूं!
मैं बहुत कोशिस करता हूँ लेकिन हर रोज वही कहानी होती है,कुछ नहीं बदलता।
पिछले कुछ महीनों से मैं कभी-कभी डरने लगता हूँ,मैं वो वजह नहीं बता सकता लेकिन मैं एक पैनिक अटैक से गुजरा हूँ, जिस वजह से मैं कई रात सो नहीं पाया था,तुम्हारी वजह से मैं काफि दिनों के बाद सुकून से सो पाया।
ये डर मुझे आज भी परेशान करता है लेकिन मैं इसे कभी लिख नहीं पाया।
लेकिन आज,कल और पिछले कुछ दिनों से जो हो रहा है उसने मुझे एक वजह दी कि मैं कुछ लिखूं।
आज बहुत दिनों के बाद कुछ बुरा लगा है!
बहुत कम लोग हैं जो मेरे बहुत करीब हैं, और बहुत सारे लोग हैं जिन्हें मैं अलग-अलग वजह से पसन्द करता हूँ।
मैं चाहता था कि शायद एक दिन मेरी जिंदगी भी परफेक्ट ना सही आइडियल जरूर होगी, मैं एक दिन वो सब करूंगा जो मैंने सोचा था, मैं हर उन रास्तों का विरोध करूँगा जिनपर मुझे ये समाज और परिवार चलने के लिए कहेगा,मैं अपने रास्ते खुद बनाऊंगा और जिंदगी अपनी शर्तो पर जिऊंगा। लेकिन जिंदगी का एक नियम है कि आप इसे चैलेंज करते हो तब कभी लडना पड़ता है,कभी अकेले कभी अपने लोगों से। कभी जीत भी जाते हैं तो मिलता है अकेलापन।
मैंने बहुत वक्त अकेले बिताया है कभी-कभी मैं सब के साथ भी अकेला महसूस करता हूँ।
और जिंदगी में खालीपन इतना ज्यादा हो गया कि हमारा सालों में एक-दो दिन के लिए मिलना उस खालीपन को पूराभर नहीं पाता।
मैं बहुत इंट्रोवर्ट था मैंने कभी सोचा नहीं था कि किसी के साथ मैं इतना करीब हो सकता हूँ। मैं बस इस सफर के आखिरी स्टॉप तक साथ चलना चाहता हूं।
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